गली से उठाये छोरे टीम इंडिया के लिये कर गये धमाल!
पर्थ टेस्ट में दो जो नये चहेरे खिलाए गए उनमें बेहतर कौन साबित हुआ। हर्षित राणा और नीतीश कुमार रेड्डी को टीम इंडिया ने पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ उतारा। मैदान भी पर्थ का जहां अच्छे से अच्छों के पसीने निकल जाते हैं। कहने को तो ये इम्तिहान नीतीश कुमार रेड्डी के लिये ज़्यादा मुश्किल था क्योंकि इस पर्थ की पिच हमेशा से बल्लेबाज़ों के लिये हौवा रही है। गोली की तरह गेंद बल्ले पे आती है और उछाल इतना कि आपको दिन में तारे नज़र आ जायें। और नीतीश को खेलना था ऐसे तीन तेज गेंदबाज़ों को जो दस साल से भी ऊपर एक साथ गेंदबाज़ी कर रहे हैं। पैट कमिंस, जोश हज़्लेवुड और मिचेल स्टार्क तीनों ने 250 से ऊपर विकेट लीं हैं। ऐसे में नीतीश के सफल होने के आसार लोगों को कम ही लग रहे थे। दूसरे नये खिलाड़ी हर्षित राणा को लेकर ये लग रहा था कि इस गेंदबाज़ को ये पिच मदद दे सकती है। हर्षित तेज़ है, तर्रार हैं, और पर्थ की पिच ऐसे ही तेज़ गेंदबाज़ों के लिये बनी है। बस ख़तरे की बात ये थी कि पिच पर इतनी तेज़ी और उछाल देखकर आम्मोमन नये फ़ास्ट बॉलर अपना आपा खो बैठते हैं। गेंद को पटकना शुरू कर देते हैं जिसे देख के तो बहुत अच्छा लगता है पर उससे विकेट नहीं मिलता। तो आए पहले रेड्डी की ही बात कर लेते हैं। रेड्डी जब क्रीज़ पर खेलने आये तो उस समय इंडिया का स्कोर छह विकेट पर 73 रन था। यानी इंडिया की बखिया निकल गई थी। पर रेड्डी ने अपना आपा नहीं खोया। उन्होंने ऋषभ पंत के साथ सातवें विकेट के लिये 48 रन जोड़े। आउट होने वाले भी वो आख़िरी बल्लेबाज़ बने। वो ना होते तो टीम इंडिया 150 रन भी ना बना पाती। नीतीश के 41 रनों से ज़्यादा रन किसी ने नहीं बनाये। सबसे ख़ुश होने वाली बात ये थी कि नीतीश की टेक्नीक तेज गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ ऐसी पिच पर शानदार थी। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज अदम गिलक्रिस्ट का ये कहना था कि नीतीश प्रॉपर बैट्समैन लगे। दूसरे दिन जब इंडिया को विकेट नहीं मिल रहे थे और राणा और बुमराह का पहला स्पेल ख़त्म हो गया था तो गेंदबाज़ी नीतीश को दी गई। डर ये था कि जो रनों पर रोक बुमराह और राणा ने लगाई है वो रोक कहीं नीतीश ढीली ना कर दें। कहीं पिट ना जाएँ। पर नीतीश ने अपने तीन ओवरों में सिर्फ़ 4 रन दिये। यानी एक गेंदबाज़ और बल्लेबाज़ के रूप में नीतीश सफल रहे। मतलब टीम इंडिया को शायद एक फ़ास्ट बोलिंग ऑलराउंडर मिल गया है जिसकी तलाश टीम इंडिया को अरसे से थी। आये अब बात करें हर्षित राणा की। राणा ने जिस तरह से अपना पहला ओवर फेंका, लगा ये कि ये गेंदबाज़ भी वही गलती कर रहा है जो ऑस्ट्रेलिया की पिचों पर बाहर के तेज गेंदबाज़ करते हैं। बस अपनी तेज गेंद को देख कर खुश होते हैं भले ही विकेट मिले या नहीं। ऑस्ट्रेलिया के ट्रैविस हेड ने राणा के पहले ही ओवर में दो चौके जड़ दिए। पर दूसरे ही ओवर में राणा ने अपनी लाइन और लेंथ पकड़ ली। और हेड को ऐसी गेंद फेंकी जिसपर हेड आगे भी नहीं गये और पीछे भी नहीं गये। गेंद ऐसा लगा कि अंदर आ रही है पर बाहर निकली और उनका ऑफ-स्टंप उड़ा ले गई। बाद में राणा ने एक तरह से ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ों की नाक में नकेल डाल दी। राणा की गेंदबाज़ी की ख़ासियत ये है कि उनकी गेंद जितनी तेज लगती है उससे भी तेज़ बल्लेबाजों के पास आती है। इसे हैवी बॉल कहते हैं। राणा ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ों पर चढ़ कर गेंदबाज़ी की और तीन विकेट निकाले 48 रनों पर। कहाँ तो ये लग रहा था कि टीम इंडिया के पास रोहित शर्मा भी नहीं है, शुभमन गिल भी नहीं हैं और मोहम्मद शमी दौरे पर भी नहीं गये। ऐसे में इस टीम का क्या होगा। पर नये लड़कों ने एक तरह से जान फूंक दी है। ऐसा लगता है कि ये ऑस्ट्रेलिया का दौरा रोचक होगा। कहाँ तो हमें लग रहा था कि टीम इंडिया इस दौरे पर पिटेगी। लेकिन अब लगता है मज़ा आएगा।